5 SIMPLE TECHNIQUES FOR पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

5 Simple Techniques For पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

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If you are deprived of childbirth in your life, There is certainly an Vastu defect in the home, do the job gets spoiled and deficiency of pleasure and peace in your home, then for this, put in Parad Shivling (Parad Shivling Positive aspects) from the temple of the house and retain it Uncooked for 108 days on a daily basis. Do anointing with Uncooked milk.

शास्त्रों के अनुसार, घर में सिर्फ एक ही शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है इसलिए एक से अधिक कभी भी शिवलिंग न रखें। शिवलिंग का जल न दें सूखने

वरील पद्धतीने रोजची पूजा करू शकता पण पहिल्या दिवशी स्थापन करताना जो पहिला अभिषेक असेल तेव्हा पंचामृताने अभिषेख करावा नंतर ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं किंवा नमः शिवाय ने १०८ बेल शिव पिंडीवर अर्पित करावा त्यावर प्रत्येक वेळी बेलावर चंदन लावून हा अर्पण करावा थोडा वेळ लागला तरी चालेल. 

मनः शांति: स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित पूजा से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

श्रावण सोडून इतर कोणत्याही वेळी ह्याची स्थापना विधी विधानाने करावी लागेल असे माझे मत आहे.

हिन्दू धर्म में पारद शिवलिंग शुभ होती है। शिवलिंग की पूजा करने से अधिक लाभ होता है। जीवन में सभी प्रकार की खुशियां प्राप्त होती है। करियर में सफलता प्राप्त होती है। परिवार में सुख शांति आती है और घर धन- धान्य से बना रहता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या भी दूर होती हैं। जैसे अस्थमा और हाई ब्लड get more info प्रेशर की बीमारी दूर होती है। यह जीवन की सभी परेशानियां समाप्त कर देता है। इसलिए पारद शिवलिंग अत्यधिक लाभदायक है।

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प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई ग्रंथों में मिलता है। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं।

यदि आपके घर में शिवलिंग है, तो इसके नियम जानकर उनका पालन जरूर करें, तभी आपकी पूजा फलित हो पाएगी.

शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

घर में पार्थिव शिवलिंग, धातु या स्फटिक और पारद शिवलिंग रख सकते हैं. लेकिन इनमें से श्रेष्ठ

रोज अभिषेक करताना नमः शिवाय मंत्र म्हणावा , 

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

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